
ओडिशा के पुरी जिले में स्थित महाप्रभु जगन्नाथ का जन्म स्थल, जो कि गुंडिचा मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है, पिछले छह सालों से बंद पड़ा हुआ है। इस मंदिर को बंद करने की वजह से क्षेत्र के श्रद्धालुओं और भक्तों में असंतोष और नाराजगी बढ़ती जा रही है। विशेष रूप से, जो भक्त महाप्रभु जगन्नाथ के जन्म स्थल के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं, उन्हें काफी निराशा का सामना करना पड़ता है। इस बंदी के खिलाफ आवाजें उठनी शुरू हो गई हैं और मंदिर को फिर से खोलने की मांग जोर पकड़ रही है।गुंडिचा मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत अधिक है। यह वह स्थान है जहां महाप्रभु जगन्नाथ का जन्म हुआ था और इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। यह मंदिर पुरी के मुख्य जगन्नाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है और श्रद्धालु इसे एक पवित्र स्थल के रूप में पूजा करते हैं। लेकिन छह साल पहले इस मंदिर को प्रशासनिक कारणों के चलते बंद कर दिया गया था। तब से ही श्रद्धालु इस स्थान की महिमा को महसूस करने के लिए वंचित हैं।मंदिर के बंद होने के कारण क्षेत्र के स्थानीय लोगों के साथ-साथ देशभर के भक्तों में गहरा आक्रोश है। भक्तों का कहना है कि जब तक यह मंदिर बंद रहेगा, तब तक वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को पूरी तरह से नहीं निभा पाएंगे। इसके अलावा, मंदिर के बंद होने से धार्मिक पर्यटन पर भी असर पड़ा है, क्योंकि बहुत से लोग इस पवित्र स्थान पर आने के लिए पुरी यात्रा करते हैं और यहाँ दर्शन करने के लिए अपना समय और ऊर्जा लगाते हैं।स्थानीय धार्मिक संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं। उनका कहना है कि गुंडिचा मंदिर को फिर से खोलने से न केवल भक्तों की धार्मिक भावना को संतुष्टि मिलेगी, बल्कि यह क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा भी देगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा। कई संगठन और धार्मिक नेता इस मुद्दे पर प्रशासन से लगातार अपील कर रहे हैं कि इस मंदिर को फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोला जाए ताकि उनकी आस्था को और मजबूती मिले।इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर भी दबाव बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री और प्रशासन ने इस मुद्दे पर गंभीर विचार करने की बात कही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। धार्मिक संगठनों और भक्तों की मांग है कि सरकार शीघ्र ही इस मामले को सुलझाए और महाप्रभु जगन्नाथ के जन्म स्थल को फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोलने की दिशा में ठोस कदम उठाए।इसके साथ ही, यह भी कहा जा रहा है कि धार्मिक स्थल के खोले जाने से पर्यटन में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय व्यापारियों को भी लाभ होगा। पुरी के प्रशासनिक अधिकारी इस मामले को लेकर जल्द ही कोई निर्णय लेने की बात कर रहे हैं, लेकिन भक्तों का मानना है कि उनकी आस्था और श्रद्धा के अनुसार यह कदम तुरंत उठाया जाना चाहिए।जगन्नाथ भक्तों का कहना है कि महाप्रभु जगन्नाथ के जन्म स्थल की पवित्रता को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है और इस स्थान को फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोला जाना चाहिए ताकि उनकी आस्था को सही दिशा मिल सके।