
केदारनाथ हेली सेवा: एक घंटे में बुक हुए 1087 टिकट, टूर ऑपरेटरों की भूमिका पर यूकाडा की जांच शुरू
देवभूमि उत्तराखंड में हर साल लाखों श्रद्धालु केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकलते हैं। इस बार यात्रा शुरू होने से पहले ही हेली सेवा को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। जानकारी के अनुसार, केदारनाथ के लिए हेली टिकटों की बुकिंग शुरू होते ही महज एक घंटे के भीतर 1087 टिकट बुक हो गए। हैरानी की बात यह है कि यह सभी टिकट व्यक्तिगत श्रद्धालुओं द्वारा नहीं, बल्कि चुनिंदा टूर ऑपरेटरों के माध्यम से बुक किए गए। इस पूरी प्रक्रिया पर अब उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (Uttarakhand Civil Aviation Development Authority – UCADA) ने संदेह जताते हुए जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
केदारनाथ यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन हर साल मई से शुरू होता है और इसके टिकट भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (AAI) की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से बुक किए जाते हैं। इस वर्ष जैसे ही हेली सेवा की ऑनलाइन बुकिंग विंडो खुली, टिकटों की भारी मांग देखी गई। लेकिन कुछ ही मिनटों में हजारों टिकट “सोल्ड आउट” दिखने लगे। बाद में जब यूकाडा ने बुकिंग डाटा खंगाला, तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि शुरुआती घंटे में ही 1087 टिकटों की बुकिंग कुछ सीमित IP एड्रेस या यूजर आईडी के जरिए हुई, जो संभवतः टूर ऑपरेटरों के थे।
श्रद्धालुओं को नहीं मिला मौका
इस घटना के बाद कई श्रद्धालुओं ने सोशल मीडिया और हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें टिकट बुक करने का अवसर ही नहीं मिला। कई लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि जैसे ही उन्होंने टिकट बुकिंग शुरू की, साइट स्लो हो गई और “सोल्ड आउट” का मैसेज आ गया। इसके उलट कुछ ट्रैवल एजेंसियों ने उसी समय टिकट उपलब्ध करवा दिए, लेकिन अतिरिक्त शुल्क के साथ।
यूकाडा ने बढ़ाई सतर्कता
यूकाडा के अधिकारियों ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए बुकिंग प्रक्रिया की तकनीकी जांच शुरू कर दी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि कृत्रिम रूप से बॉट्स या फास्ट बुकिंग सॉफ्टवेयर के ज़रिए टिकट बुकिंग की गई हो सकती है, जिससे आम श्रद्धालुओं को बुकिंग का मौका नहीं मिल पाया।यूकाडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने सभी संदिग्ध बुकिंग की सूची तैयार की है और टूर ऑपरेटरों से जवाब मांगा जा रहा है। यदि किसी तरह की अनियमितता या धोखाधड़ी पाई जाती है, तो संबंधित एजेंसियों पर कार्रवाई की जाएगी और उनकी बुकिंग रद्द की जा सकती है।”
टिकट ब्लॉकिंग पर लग सकता है अंकुश
इस घटना के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि सरकार हेली टिकट बुकिंग की प्रणाली में बदलाव कर सकती है। इसमें OTP आधारित वेरिफिकेशन, आधार/पैन लिंकिंग और बुकिंग की सीमा तय करने जैसे उपाय शामिल किए जा सकते हैं ताकि व्यक्तिगत श्रद्धालु सीधे बुकिंग कर सकें और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो। केदारनाथ धाम की यात्रा, जहां श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक मानी जाती है, वहां टिकट बुकिंग में इस प्रकार की अनियमितता से लोगों की नाराज़गी स्वाभाविक है। यूकाडा की सक्रियता से उम्मीद की जा रही है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं पर नियंत्रण लगाया जा सकेगा।