
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं। इस घटना के मद्देनज़र उत्तराखंड प्रशासन ने चारधाम यात्रा को लेकर एक अहम और कड़ा निर्णय लिया है। इस वर्ष पाकिस्तानी नागरिक अब चारधाम यात्रा में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। सूत्रों के अनुसार, अब तक 77 पाकिस्तानी नागरिकों ने इस पावन यात्रा के लिए पंजीकरण करवाया था, लेकिन सुरक्षा कारणों से उनकी यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों की ओर आकर्षित करती है, जिसमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम शामिल हैं। यह यात्रा धार्मिक आस्था का प्रतीक मानी जाती है, लेकिन हाल के आतंकी घटनाक्रम ने सरकार और खुफिया एजेंसियों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। पहलगाम हमले में टूरिस्ट बस पर हुए आतंकी हमले ने सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए, और इसी को ध्यान में रखते हुए इस साल की यात्रा को लेकर सुरक्षा मानकों को और अधिक सख्त किया गया है।उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन ने यात्रा के दौरान किसी भी तरह की संभावित सुरक्षा चूक से बचने के लिए यह फैसला लिया है। गृह मंत्रालय की ओर से भी सुरक्षा संबंधी गाइडलाइंस जारी की गई हैं, जिनमें संवेदनशील राष्ट्रीयताओं के नागरिकों के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। पाकिस्तान के नागरिकों पर लगाई गई यह रोक उसी दिशा में उठाया गया एक निवारक कदम माना जा रहा है।हालांकि यह फैसला धार्मिक आधार पर नहीं, बल्कि पूरी तरह से सुरक्षा के दृष्टिकोण से लिया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी प्रकार की जोखिम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विशेष रूप से संवेदनशील सीमावर्ती राष्ट्रों से आने वाले नागरिकों के लिए अतिरिक्त सतर्कता आवश्यक है।इस निर्णय के बाद उन 77 पाकिस्तानी नागरिकों की यात्रा योजना प्रभावित हुई है, जिन्होंने इस बार चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराया था। प्रशासन की ओर से उन्हें इसकी जानकारी दे दी गई है और उनके पंजीकरण को रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती, ड्रोन निगरानी, सीसीटीवी निगरानी और यात्री पहचान की गहन जांच भी सुनिश्चित की जा रही है।चारधाम यात्रा 2025 में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है, ऐसे में किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ रहा। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए आने वाले दिनों में और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं। इस फैसले से एक ओर जहां श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है, वहीं यात्रा के पवित्र वातावरण को सुरक्षित रखने का भी प्रयास किया गया है।