
जम्मू-कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थल पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। इस हमले में एक नागरिक की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। घटना के बाद से पूरे कश्मीर घाटी में तनाव का माहौल बना हुआ है। इसी बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक अहम बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि कश्मीरी लोग किसी भी तरह के हमले की इच्छा नहीं रखते हैं और वे शांति से जीवन जीना चाहते हैं। सीएम उमर ने आगे कहा कि 26 साल में पहली बार उन्होंने कश्मीरी लोगों को इस तरह से सड़कों पर आते देखा है, जब वे इस हमले के खिलाफ विरोध दर्ज कर रहे थे। उनका मानना था कि यह हमला न केवल सुरक्षा बलों के लिए, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी खतरे का कारण बन सकता है। इस हमले के बाद कश्मीर घाटी में बड़ी संख्या में लोग बाहर आए और उन्होंने इस हमले के विरोध में प्रदर्शन किए। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरी समाज हमेशा शांति और भाईचारे का पक्षधर रहा है, और इस तरह के हमले केवल कश्मीर के नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरे का कारण बनते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवादी हमलों से किसी भी समाज का भला नहीं हो सकता और ऐसे हमलों का केवल नुकसान होता है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के नागरिकों से अपील की कि वे इस प्रकार के हमलों के खिलाफ एकजुट होकर शांति बनाए रखें।
पहलगाम हमले का असर:
पहलगाम, जो कश्मीर घाटी का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, इस हमले के बाद पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। यहां के होटल और अन्य पर्यटन स्थल फिलहाल बंद कर दिए गए हैं और स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है। पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों में डर और चिंता का माहौल है। हमले के बाद सुरक्षा बलों ने कड़ी जांच-पड़ताल शुरू कर दी है, लेकिन आतंकियों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। कश्मीर के सुरक्षा बलों ने हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादी समूहों की पहचान करने के लिए कई स्थानों पर छापे मारे हैं और पूरे क्षेत्र को घेर लिया है।
सीएम उमर अब्दुल्ला का बयान:
उमर अब्दुल्ला का यह बयान इस समय कश्मीर घाटी के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कश्मीर के लोग लंबे समय से आतंकवाद और हिंसा से थक चुके हैं। वे चाहते हैं कि यहां शांति और विकास का माहौल बने, ताकि वे अपने जीवन को सामान्य रूप से जी सकें। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीरी समाज ने हमेशा आतंकवादियों की हिंसा का विरोध किया है और इसे नकारा है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
पहलगाम हमले के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे कश्मीर के शांति प्रयासों के खिलाफ एक बड़ा हमला करार दिया और राज्य सरकार से तुरंत सुरक्षा इंतजामों को कड़ा करने की अपील की। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी हमले की निंदा करते हुए यह कहा कि राज्य सरकार को कश्मीर के नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
कश्मीर में बढ़ती हुई चिंता:
कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादी हमलों में कुछ कमी आई थी, लेकिन इस हमले ने वहां की स्थिति को फिर से खतरे में डाल दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे शांति की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन इस तरह के हमले उनकी उम्मीदों पर पानी फेरते हैं। ऐसे हमले न केवल नागरिकों के लिए एक डर का कारण बनते हैं, बल्कि यह कश्मीर के विकास और पर्यटन उद्योग को भी प्रभावित करते हैं।
उम्मीद और अपील:
हालांकि कश्मीर के नागरिकों में इस हमले को लेकर डर और चिंता की भावना है, लेकिन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक बार फिर से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कश्मीरी समाज से अपील की कि वे इस हमले को लेकर अपनी आवाज़ उठाएं, लेकिन शांति बनाए रखें और किसी भी प्रकार की हिंसा से बचें। उनका कहना था कि कश्मीर के लोग इस प्रकार के हमलों से डरने वाले नहीं हैं, और वे हमेशा शांति और विकास की दिशा में काम करेंगे।इस बीच, जम्मू और कश्मीर पुलिस ने हमले की जांच तेज कर दी है और आरोपियों की तलाश जारी है। कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे अभियानों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन भी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है।