
उत्तराखंड में मई की गर्मी जहां आमतौर पर लोगों को तपिश से परेशान करती है, वहीं इस बार मौसम का मिज़ाज कुछ अलग ही करवट ले रहा है। राज्य के कई हिस्सों में लगातार बदलते मौसम ने लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर दिया है। मौसम विभाग ने आज फिर से तेज़ हवाओं, बारिश और ओलावृष्टि को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे राज्य में सतर्कता और सावधानी की आवश्यकता बढ़ गई है।
देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में मौसम विभाग ने विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। इन इलाकों में तेज़ गर्जना के साथ बारिश और छोटे आकार के ओलों की बौछार की संभावना जताई गई है। इसके अलावा 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी जनजीवन को प्रभावित कर सकती हैं।
ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि मौसम की स्थिति खतरनाक हो सकती है और इससे जीवन, संपत्ति और यातायात पर असर पड़ सकता है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और पर्यटकों को मौसम की चेतावनियों पर नजर रखने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
कृषि क्षेत्र में भी इसका असर देखने को मिल सकता है। किसान, खासकर सब्जियों और फलों की खेती करने वाले, ओलावृष्टि से अपनी फसल को बचाने को लेकर चिंतित हैं। कृषि विभाग ने भी किसानों को सलाह दी है कि वे अपने खेतों को ढंकने की कोशिश करें और सिंचाई कार्य फिलहाल स्थगित रखें।
मौसम विभाग के अनुसार, यह परिवर्तन पश्चिमी विक्षोभ और स्थानीय गर्म हवाओं की टकराहट का परिणाम है, जिससे वातावरण में अस्थिरता बढ़ी है। अगले 24 से 48 घंटों तक यह स्थिति बनी रह सकती है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों को तैयार रहने को कहा है। यात्रियों, ट्रेकर्स और चारधाम यात्रियों से अपील की गई है कि वे मौसम की अद्यतन जानकारी लेकर ही यात्रा शुरू करें और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतें।
उत्तराखंड की खूबसूरत वादियाँ इस समय काले बादलों और गरजते आसमान के बीच दबी-दबी सी लग रही हैं। मौसम की इस करवट से न केवल जीवन की रफ्तार पर असर पड़ा है, बल्कि लोगों में अनिश्चितता का माहौल भी देखने को मिल रहा है।