
कोटद्वार। पूरे देश को झकझोर देने वाले बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में शुक्रवार, 30 मई को कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ऐतिहासिक फैसला सुनाने जा रहा है। यह फैसला न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश की जनता के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। इस मामले ने समाज में महिलाओं की सुरक्षा, न्यायिक प्रक्रिया की गति और प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे।
न्याय की घड़ी आई करीब
करीब दो साल आठ महीने चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद आज फैसला सुनाया जाएगा। अदालत में इस केस की पहली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को शुरू हुई थी। एसआईटी की जांच के बाद अभियोजन पक्ष ने अदालत में 500 पन्नों का विस्तृत आरोपपत्र दाखिल किया। अभियोजन पक्ष ने मामले में कुल 97 गवाह बनाए, जिनमें से 47 महत्वपूर्ण गवाहों को अदालत में पेश किया गया। इनमें विवेचक समेत कई चश्मदीद और तकनीकी गवाह शामिल थे।
विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने 19 मई को बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई की प्रक्रिया को पूर्ण किया। इसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 30 मई को फैसले की तिथि निर्धारित की। आज अदालत में इस बहुप्रतीक्षित मामले पर फैसला सुनाया जाएगा, जिस पर पूरे उत्तराखंड और देश की नजरें टिकी हैं।
सख्त सुरक्षा व्यवस्था में तब्दील हुआ कोटद्वार
फैसले के मद्देनजर कोटद्वार को सुरक्षा के लिहाज से छावनी में तब्दील कर दिया गया है। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों से भारी संख्या में पुलिस बल को कोटद्वार बुलाया गया है। देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी और उत्तरकाशी से अतिरिक्त फोर्स मंगाई गई है। इसके अलावा डेढ़ कंपनी पीएसी के जवान भी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में जुटे हैं।
कोतवाल रमेश तनवार ने जानकारी दी कि अदालत परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा पूरे परिसर की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे और मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। अदालत के चारों ओर बैरिकेडिंग की गई है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
फैसले को लेकर जनमानस में गहरा उत्साह और तनाव
अंकिता भंडारी हत्याकांड ने राज्यभर में जन आक्रोश को जन्म दिया था। कोटद्वार, पौड़ी, ऋषिकेश और देहरादून समेत कई शहरों में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए और हत्यारोपियों को सख्त सजा देने की मांग उठाई थी। अब जब फैसला आने वाला है, तो कई लोग अन्य जिलों और शहरों से भी कोटद्वार पहुंचने की तैयारी में हैं। खुफिया इनपुट के आधार पर पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर है और वरिष्ठ अधिकारी स्वयं व्यवस्थाओं पर निगरानी रख रहे हैं।
कौन हैं आरोपी?
इस जघन्य हत्याकांड के मुख्य आरोपी हैं वनंत्रा रिज़ॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य, उसके दो कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता। इन तीनों पर हत्या की साजिश रचने और अपराध को अंजाम देने के गंभीर आरोप हैं। आरोप तय होने के बाद 28 मार्च, 2023 से अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हुई थी, जो लगातार चली। आज का दिन उत्तराखंड की न्याय व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है। न्याय की इस लंबी लड़ाई में आज अंतिम मोड़ आने वाला है। इस फैसले के साथ सिर्फ अंकिता भंडारी के परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है, बल्कि समाज को भी एक संदेश जाएगा कि अपराध और विशेषकर महिलाओं के विरुद्ध हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
अब देखना यह है कि कोर्ट का फैसला पीड़िता और समाज की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है।