Deprecated: Function WP_Dependencies->add_data() was called with an argument that is deprecated since version 6.9.0! IE conditional comments are ignored by all supported browsers. in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 6131
उत्तराखंड में पहली कक्षा में दाखिले के नियमों में बदलाव, अभिभावकों को मिली राहत - The Indian Exposure

उत्तराखंड में पहली कक्षा में दाखिले के नियमों में बदलाव, अभिभावकों को मिली राहत

उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम आयु सीमा में बदलाव कर अभिभावकों और विद्यालयों को एक बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) नियमावली 2011 में संशोधन करते हुए अब यह तय किया है कि पहली कक्षा में दाखिला लेने वाले बच्चे की आयु 1 जुलाई तक 6 वर्ष पूरी होनी चाहिए।अब तक यह नियम था कि पहली कक्षा में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र 1 अप्रैल तक छह वर्ष होनी चाहिए। लेकिन इस नियम के चलते कई अभिभावक परेशान थे क्योंकि जिन बच्चों की जन्मतिथि अप्रैल, मई या जून में होती थी, वे सिर्फ कुछ सप्ताह या महीनों के अंतर के कारण पूरे साल दाखिले से वंचित रह जाते थे। इससे बच्चों की शिक्षा में एक वर्ष का अनावश्यक अंतराल उत्पन्न हो रहा था, जिसे अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के समक्ष गंभीर मुद्दे के रूप में उठाया।यह मामला राज्य बाल आयोग के संज्ञान में भी आया था। आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाते हुए राज्य के शिक्षा महानिदेशक को निर्देश दिए कि दाखिले की आयु सीमा की समीक्षा की जाए। इसके पश्चात सरकार ने अभिभावकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए नियमों में तीन महीने की राहत दी है।

अब 1 जुलाई तक की आयु सीमा मान्य

सरकार ने “उत्तराखंड निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियमावली, 2025” के तहत इस निर्णय को लागू किया है और इसकी अधिसूचना शुक्रवार को जारी कर दी गई है। संशोधित नियम के अनुसार, अब जो बच्चे 1 जुलाई तक छह वर्ष के हो जाएंगे, वे पहली कक्षा में दाखिला लेने के पात्र माने जाएंगे।शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय न सिर्फ अभिभावकों के लिए फायदेमंद होगा बल्कि विद्यालयों में भी दाखिले की संख्या में वृद्धि होगी। बीते सत्र 2025-26 में 1 अप्रैल की आयु सीमा के कारण कई स्कूलों में अपेक्षाकृत कम बच्चों का दाखिला हो पाया था, लेकिन अब यह संख्या बढ़ेगी।

प्री-स्कूल में पहले से पढ़ रहे बच्चों को भी राहत

सरकार ने उन बच्चों को भी राहत दी है जो वर्तमान में प्री-स्कूल (नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी) में अध्ययनरत हैं। ऐसे बच्चों को पहले की ही भांति कक्षा एक में प्रवेश दिया जाएगा और उनकी शिक्षा की निरंतरता बाधित नहीं होगी। यह निर्णय यह सुनिश्चित करता है कि वर्तमान सत्र में दाखिला ले चुके बच्चों को नए नियम के चलते किसी प्रकार का नुकसान न हो।

आगे के सत्रों में आयु सीमा का सख्त पालन अनिवार्य

सरकार ने स्पष्ट किया है कि आगामी शैक्षणिक सत्रों में सभी विद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कक्षा-एक में केवल वे ही बच्चे प्रवेश लें जो 1 जुलाई तक छह वर्ष की आयु पूरी कर चुके हों। इसके लिए विद्यालयों को अपनी प्री-स्कूल कक्षाओं (नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी) की न्यूनतम आयु सीमा का निर्धारण इस प्रकार करना होगा कि छात्र उचित आयु में कक्षा-एक के लिए पात्र बनें।

फैसला शिक्षा नीति के अनुरूप

यह निर्णय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की सिफारिशों और बाल अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों की मानसिक और सामाजिक परिपक्वता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय तर्कसंगत और व्यावहारिक है। उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय राज्य के शिक्षा ढांचे में एक स्वागत योग्य परिवर्तन है। इससे जहां अभिभावकों की वर्षों पुरानी मांग को मान्यता मिली है, वहीं स्कूलों को भी सत्र की योजना बनाने में लचीलापन और स्पष्टता मिलेगी। आयु सीमा में यह संशोधन शिक्षा की समावेशी और न्यायसंगत पहुँच को और सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5481