“पहलगाम हमले के बाद अलर्ट: वर्दी बिक्री पर बैन, दून में सख्त जांच, कई नेता नजरबंद”

श्रीनगर/देहरादून | पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गई हैं। हमले के ठीक बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कई कड़े कदम उठाए हैं। विशेष रूप से सेना और पुलिस की वर्दी की अवैध बिक्री को रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से नए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अब बिना अधिकृत अनुमति के कोई भी व्यक्ति सेना या पुलिस की वर्दी न तो बेच सकेगा और न ही खरीद सकेगा।

वर्दी की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध

सूत्रों के अनुसार, पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों ने सेना की वर्दी का इस्तेमाल किया था ताकि आम नागरिकों और सुरक्षा बलों को धोखा दिया जा सके। इस गंभीर सुरक्षा चूक के मद्देनज़र, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और गृह मंत्रालय ने एक संयुक्त आदेश जारी कर सेना, अर्धसैनिक बलों, और पुलिस विभाग की वर्दी की खुली बिक्री पर रोक लगा दी है। अब केवल अधिकृत सप्लायर्स को ही यह वर्दियाँ प्रदान करने की अनुमति होगी और उन्हें भी विस्तृत रिकॉर्ड रखना होगा।

देहरादून में बढ़ी सुरक्षा, चला सघन चेकिंग अभियान

हमले के बाद देहरादून समेत कई प्रमुख शहरों में सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है। उत्तराखंड पुलिस ने शहर के प्रमुख प्रवेश द्वारों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, और संवेदनशील इलाकों में सघन चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है। संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों की विशेष निगरानी की जा रही है। दून पुलिस ने सभी थानों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में बिना पहचान पत्र के घूम रहे लोगों की सघन जांच करें।

राजनीतिक हलचल भी तेज, कई नेताओं को किया गया नजरबंद

उधर, कश्मीर घाटी में राजनीतिक गतिविधियों पर भी असर पड़ा है। प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कई स्थानीय नेताओं को एहतियातन नजरबंद कर दिया है। जिन नेताओं को नजरबंद किया गया है, उनमें कुछ पूर्व विधायक और अलगाववादी संगठनों से जुड़े लोग भी शामिल हैं। प्रशासन का कहना है कि यह कदम शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है ताकि कोई भी व्यक्ति या समूह माहौल को भड़काने की कोशिश न कर सके।

आतंकी हमले की जांच तेज, हाई अलर्ट पर खुफिया एजेंसियां

पहलगाम में हुए इस हमले की जांच में तेजी लाई गई है। खुफिया एजेंसियों ने तकनीकी निगरानी और मानवीय सूचना नेटवर्क को सक्रिय कर दिया है। इस हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन शुरुआती जांच में यह लश्कर-ए-तैयबा के मॉड्यूल की कारगुज़ारी मानी जा रही है।

नागरिकों से सहयोग की अपील

प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन को दें। साथ ही, लोगों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।

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