
उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र धामी सरकार ने ‘मिशन 2027’ को लक्ष्य बनाते हुए अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। इस अभियान के तहत सरकार ने अपने दायित्वधारियों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। अब ये दायित्वधारी न केवल प्रशासनिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाएंगे, बल्कि संगठन और सरकार के बीच सूत्रधार की महत्वपूर्ण भूमिका भी अदा करेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार की मंशा है कि प्रशासनिक नीतियों और योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक सुगमता से पहुंचे और संगठन स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ बेहतर समन्वय स्थापित हो। इसी दिशा में काम करते हुए दायित्वधारियों को सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने, जमीनी फीडबैक जुटाने और संगठन की नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने का दायित्व सौंपा गया है। सूत्रों के अनुसार, सरकार इस बार संगठनात्मक स्तर पर भी पूरी ताकत झोंकना चाहती है ताकि 2027 में पुनः सत्ता में वापसी सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, मंत्रीगण और विभिन्न दायित्वधारियों को गांव-गांव, ब्लॉक, जिला स्तर तक सक्रिय किया जाएगा। इन दायित्वधारियों का मुख्य कार्य जनसंपर्क बढ़ाना, योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट तैयार करना और जमीनी कार्यकर्ताओं के सुझावों को सीधे सरकार तक पहुंचाना होगा।
रणनीति के मुख्य बिंदु:
- संगठन और सरकार के बीच बेहतर संवाद स्थापित करना
- सरकारी योजनाओं का प्रभावी प्रचार और लाभार्थियों तक पहुंच सुनिश्चित करना
- स्थानीय स्तर पर समस्याओं को चिन्हित कर शीघ्र समाधान की प्रक्रिया को तेज करना
- आगामी चुनावों के मद्देनजर जनता के बीच सरकार की सकारात्मक छवि को मजबूत करना
- फीडबैक तंत्र को सशक्त बनाकर नीतिगत निर्णयों में आम जनता की सहभागिता बढ़ाना
मुख्यमंत्री धामी ने हाल ही में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में सभी दायित्वधारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में गति लाएं और संगठन से सतत संवाद बनाए रखें। उन्होंने कहा कि जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनना और सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की सही जानकारी देना अब प्रत्येक दायित्वधारी की मुख्य जिम्मेदारी होगी। प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने भी संकेत दिए हैं कि मिशन 2027 की रणनीति में बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करना एक अहम पहलू होगा। पार्टी कार्यकर्ताओं को भी प्रेरित किया जाएगा कि वे दायित्वधारियों के साथ मिलकर सरकार के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाएं।
विशेष बात यह है कि इस बार सरकार और संगठन दोनों एक साथ मैदान में उतरने जा रहे हैं, जिससे जनता के साथ सीधा संवाद और भरोसे की डोर और भी मजबूत हो सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह रणनीति सही ढंग से कार्यान्वित होती है, तो 2027 के चुनाव में धामी सरकार को निश्चित रूप से बड़ा राजनीतिक लाभ मिल सकता है।